राजेश शर्मा, कीक्ली रिपोर्टर, 5 अक्टूबर, 2015, शिमला

राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तत्वाधान में सोमवार को राज्य परियोजना निदेशक घनश्याम चंद की अध्यक्षता में कक्षा पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी, छठी व सातवीं कक्षा के प्रश्र पत्रों के निर्माण एवं विकास के लिए राज्य स्तरीय पांच दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर राज्य भर से करीब 80 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न भागों से आए बीआरसीसी एवं अध्यापकों ने उपरोक्त कक्षाओं के लिए प्रश्र पत्रों के स्वरूप पर मंथन शुरू कर दिया है।

प्रदेश भर से आए अध्यापकों को संबोधित करते हुए राज्य परियोजना निदेशक ने समस्त प्रतिभागियों का आह्वान किया कि बच्चों के स्तर और अपेक्षित मूल्यों के आधार पर प्रश्र पत्र विकसित किए जाए। जिसमें प्रथम तिमाही में पढ़ाए गए पाठयक्रम से 20 प्रतिशत दूसरे तिमाही में पढ़ाई गए पाठ्यक्रम से 20 फीसदी और अंतिम तिमाही में पढ़ाए गए पाठयक्रम से 60 फीसदी प्रश्न पूछे जाएंगे। राज्य परियोजना समन्वयक शुभ्रा बनर्जी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रश्रों का चयन ऐसे सवालों द्वारा किया जाएगा, जिससे बच्चों के ज्ञान का, योग्यता का, समझ का और सीखे गए ज्ञान को जीवन में उपयोग संबंधी प्रश्रों से मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने प्रतिभागी अध्यापकों से आग्रह किया कि सभी विषयों के सवालों का प्रश्र बैंक विस्तृत रूप से बनाए, ताकि कार्यशाला के अंतिम दो दिनों में उपयोगिता, नवाचार और शिक्षा के अधिकार अधिनियम की कसौटियों पर प्रश्र पत्रों का निर्माण हो सके।

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