हिमाचल प्रदेश कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला द्वारा पहाडी गांधी बाबा कांशी राम राज्य स्तरीय जयंती समारोह का आयोजन सोमवार, 11 जुलाई 2022 को डेंटल कालेज सुन्दरनगर, जिला मण्डी में किया जा रहा है। हिमाचल अकादमी द्वारा पहाडी गांधी बाबा कांशीराम राज्य स्तरीय जंयती समारोह के अवसर पर लेखक संगोष्ठी, कवि सम्मेलन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। हिमाचल अकादमी के सचिव डॉ. कर्म सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि समारोह के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभागी के तौर पर इस अवसर पर शोधपत्र वाचन में पहाडी गांधी बाबा कांशी राम का स्वाधीनता आंदोलन में योगदान विषय पर – डॉ. हिमेन्द्र बाली तथा जनरल जोरावर सिंह का स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान विषय पर – डॉ. राकेश शर्मा द्वारा पत्र प्रस्तुत किया जाएगा।
डॉ. शिव भारद्वाज, टशी छेरिंग, श्रीकांत अकेला, मदन हिमाचली, डॉ. कृष्ण मोहन पाण्डेय, डॉ. अनिता शर्मा, डॉ. जगजीत आजाद, दुर्गेष नंदन, रत्न चंद निर्झर, कुलदीप चंदेल, प्रत्यूष शर्मा, डॉ. जयनारायण कश्यप, हितेन्द्र शर्मा, श्यामानंद, दीपक शर्मा, प्रदीप गुप्ता, आचार्य प्रशांत, मनोज शैल, डॉ. गंगाराम राजी, मुरारी शर्मा तथा डॉ. सूरत ठाकुर, परिचर्चा में भाग लेगे।
काव्य पाठ में अशोक दर्द, केवल भारती, जगजीत आजाद, रमेश डढवाल, रवि जोशी, सुरेश शुक्ला, डॉ. सुरेंद्र सुमन, प्रदीप गुप्ता, भूपेंद्र जंबाल भूपि, विशाल ठाकुर, शिवा पंचकरण, अदिति गुलेरी, विनोद भावुक, विजय पुरी, राजीव त्रिगर्ती, इन्द्र सिंह ठाकुर, संदीप शर्मा, शैली किरण, जयनारायण कश्यप, प्रोमिला भारद्वाज, सुरेन्द्र सुमन, आंनद सोहर व्याकुल, रविन्द्र ठाकुर, पवन चौहान, हरि प्रिया, किरण गुलेरिया, हंसराज भारती, आशा पठानिया, पामेला ठाकुर, हीरा सिंह कौशल, महेश शर्मा, छविन्द्र शर्मा, गणेश गनी, डॉ. वरयाम सिंह, डॉ. चेतना पांडे, डेजी एस. शर्मा, सुनिधि शर्मा, अजेय, सिमरन भारद्वाज, सतीष लोपा, समीक्षा नेगी, मुकेश नेगी, निशा, अजय विचलित, पवना शर्मा, संगीता कौंडल, दीप कुमार, वेद कुमार, उत्तम सूर्यवंषी, रेखा ठाकुर, मोनिका, रविता चौहान, दिनाक्षी शर्मा, कार्तिक शर्मा, राहुल प्रेमी, आदि को आमंत्रित किया गया है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं लोक संगीत में अनुषा जोशी, कृष्णा ठाकुर, वीर सिंह, कमल, रूपेषवरी शर्मा, दक्षा शर्मा, प्रकाश, मनोज त्यागी, वेद कुमार, द्वीप कुमार, नागेन्द्र पाल, अनिल कुमार, सीता देवी, किरण शर्मा, रूपेश आदि को आमंत्रित किया गया है।
स्वतंत्रता सेनानी, जनकवि, पहाड़ के गांधी, बुलबुले पहाड़, बाबा कांशी राम का जन्म 11 जुलाई, 1882 को डाडासीबा, जिला कांगड़ा में हुआ। 1911 में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति भड़की स्वतन्त्रता की चिंगारी ने पहाड़ी गांधी को स्वतऩ्त्रता आंदोलन में कूदने के लिए प्रेरित किया और वे मन, वचन और कर्म से प्रतिबद्ध हो कर भारत माता को स्वतंत्र करवाने की मुहिम में जुट गये। और फिर वर्ष 1919 से 1939 तक का समय उन्होंने देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया। इस दौरान अधिकतर समय वे धर्मशाला, गुरदासपुर, लाहौर, कटक आदि जेलों में रहे। सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान से आहत पहाड़ी गांधी ने प्रण लिया कि जब तक भारतवर्ष स्वतंत्र नहीं हो जाता मैं काले कपड़े ही पहनूंगा। अपने इस संकल्प पर वे आजीवन दृढ रहे। उनके रोम रोम में राष्ट्र प्रेम और पहाड़ी भाषा के प्रति अमिट अनुराग था। उन्होंने अपनी मातृ भाषा में राष्ट्र प्रेम के गीतों, कविताओं को रच कर, जन-जन में देश प्रेम की भावना को जागृत किया। उर्दू, पंजाबी, डोगरी, हिन्दी तथा ग्रामीण शब्दों, लोकोक्तियों, मुहावरों से गुम्फित उनकी कविताएं आज भी रोमांच पैदा करती हैं। पहाड़ी गांधी ने अपनी मातृभाषा पहाड़ी के माध्यम से अपना संदेश जन मानस तक पहुंचाया चाहे वह संदेश देशप्रेम का हो, समाज सुधार का हो या फिर धार्मिक चेतना का हर क्षेत्र में उन्होंने लोगों को प्रदेश वासियों को जागृत किया है। सही माहने में बाबा कांशी राम अपने समय के युग पुरुष रहे हैं। हिमाचल प्रदेश कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला वर्ष 1982 से उनका जयंती समारोह आयोजित करती आ रही है।