शिमला के मॉल रोड पर स्थित ऐतिहासिक बैंटनी कैसल का 20 सितम्बर, 2023 को सायं 7ः00 बजे माननीय मुख्यमंत्री हि०प्र० सुखविन्दर सिंह सुक्खू के कर-ंउचयकमलों तथा माननीय उप-ंउचयमुख्यमंत्री हि०प्र० मुकेश अग्निहोत्री की गरिमामयी उपस्थिति में लोकार्पण किया जा रहा है। विभाग के निदेशक, डॉ० पंकज ललित ने जानकारी दी कि बैंटनी कैसल का निर्माण कैप्टन बैंटनी द्वारा 1830 में एक कॉटेज के रूप में किया गया था। वर्ष 1880 में महाराजा सिरमौर ने इसका पुनर्निर्माण करवाया।

प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान महाराजा सिरमौर ने बैंटनी इस्टेट को आर्मी कार्यालय स्थापित करने के लिए भारत सरकार को सौंप दिया। वर्ष 1968 में यह इस्टेट मै॰ राम कृष्ण एण्ड सन्ज, 150 लोअर बाज़ार, शिमला जोकि लैहणू मल ठाकुर दास के परिवार से सम्बन्धित थे, द्वारा रूपये 3.50 लाख में खरीद ली गई। इस ऐतिहासिक परिसर का कुल क्षेत्रफल 19436.83 वर्ग मीटर है। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 में 27.84 करोड़ की लागत से बैंटनी कैसल का अधिग्रहण किया गया है।
इसकेे जीर्णोद्धार पर लगभग 25 करोड़ रूपये की लागत आई। उन्होंने बताया कि बैंटनी कैसल में विभिन्न दीर्घाओं में महात्मा गांधी की शिमला यात्राओं, डॉ० यशवन्त सिंह परमार तथा सत्यानंद स्टोक्स के जीवनवृत्त, शिमला शहर के इतिहास, स्वतन्त्रता आंदोलन तथा जन-ंउचयजातीय क्षेत्र स्पीति की संस्कृति को दर्शाया गया हैै। इसके अतिरिक्त प्रत्येक शाम को दिखाए जाने वाले लाईट एण्ड साउण्ड शो में शिमला के गौरवमयी इतिहास से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी दर्शाई गई है।
बैंटनी कैसल कालीबाड़ी रोड पर एक ऐतिहासिक इमारत है। यहां तक पहुंचने के लिए एचआरटीसी की टैक्सी सेवा भी है जो कि पुराना बस स्टैंड से सीटीओ तक पहुंचाती है। सीटीओ से महज 50 मीटर की दूरी पर यह ऐतिहासिक धरोहर है। संग्रहालय प्रातः 10ः00 से 5ः00 बजे तक खुला रहेगा तथा लाईट एण्ड सांउड शो का सायं 7ः30 से 8ः00 बजे तक आनंद ले सकेंगे।