भीम सिंह नेगी, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
तूफान आयेंगे ज़िन्दगी में बहुत
जो तुमसे आ टकरायेंगे
मगर तुम्हारे अदम्य साहस के आगे
सिर झुकाकर निकल जायेंगे।
जो टूट गया वह बिखर गया
कह गये सन्त महान
छाती तान के जो खड़ा
उससे डरा जहांन ।
जीना, मरना सबकुछ
इस कुदरत के हाथ
सत्य पथ पर चलते रहो
रक्षा करेगा भोलेनाथ ।
यह दुनिया तो बेढ़गी है
कई रंगों में रंगी है
वह तुम्हें क्या देगी दोस्त
जो स्वयं भूखी, नंगी है।