कुपोषण मुक्त समाज की स्थापना के लिए पोषण अभियान को व्यापकता प्रदान करते हुए जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है, जिसके लिए सभी का सहयोग आपेक्षित है। यह विचार आज निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग राखी काहलो ने बाल विकास परियोजना शिमला शहरी द्वारा पोषण अभियान व प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत वृत्त स्तरीय पोषण जागरूकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए सरस्वती विद्या मंदिर विकास नगर में अपने संबोधन में व्यक्त किए।

उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह के अंतर्गत हस्ताक्षर अभियान के तहत हस्ताक्षर कर विभिन्न गतिविधियों जिसमें गोद भराई, एक बूटा बेटी के नाम, स्थानीय व्यंजनों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया तथा बच्चों की वृद्धि निगरानी के संबंध में जानकारी प्राप्त कर वहां स्थापित पोषण वाटिका का अवलोकन भी किया। उन्होंने बीज रोपित कर पोषण वाटिका का शुभारंभ किया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान ने पोषण माह के उद्देश्य व पोषण के पांच सूत्रों के बारे में जानकारी प्रदान की जबकि बाल विकास परियोजना अधिकारी ममता पॉल ने बच्चे के पहले 1000 दिन स्वच्छता और पौष्टिक आहार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थियों ने अपने अनुभव भी साझा किए। कार्यक्रम में उपस्थित सशक्त महिला योजना के अंतर्गत नव जागृति स्वयं सहायता समूह ने विभागीय अनुदान प्राप्त कर कार्य के विकास के संबंध में अवगत करवाया तथा सहायता अनुदान को जारी रख समूह से जुड़ी महिलाओं की आर्थिकी को सुदृढ़ करने का आग्रह किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गीत के माध्यम से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में सरस्वती विद्या मंदिर विकास नगर के प्रधानाचार्य घनश्याम वर्मा, समुदाय के सदस्य तथा योजनाओं के लाभार्थियों सहित समस्त पर्यवेक्षक व महिला शक्ति केन्द्र, पोषण अभियान तथा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सदस्य उपस्थित थे।

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