21वीं सदी की पीढ़ी की अपेक्षा और अंकाक्षाओं के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रारूप को तैयार किया गया है। शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज राजकीय महाविद्यालय कोटशेरा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित ‘’ में छात्रों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के उपरांत देश के पुनर्निर्माण के लिए सामथ्र्यवान नई शिक्षा नीति का निर्माण करना अत्यंत आवश्यक था ताकि भारत विकसित देशों की श्रेणी मंे अग्रसर हो सके। दूसरे देशों के सिद्धांतवाद से एक विकसित राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने 300 वर्षों तक भारत में राज किया। लार्ड मैकाले ने उस शिक्षा पद्धति को जन्म दिया, जिससे ज्यादा से ज्यादा समय तक भारत पर राज किया जा सके। उन्होंने कहा कि दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में भारत का एक भी विश्वविद्यालय में स्थान दर्ज नहीं है, उन शीर्ष स्थानों पर दर्ज करवाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बदौलत ही मनुष्य का सर्वांगीण विकास संभव है। विकसित राष्ट्र के निर्माण तथा मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति बहुमूल्य साबित होगी।

उन्होंने कहा कि शिक्षा का मात्र लक्ष्य नौकरी से न होकर मनुष्य के ज्ञान एवं बौद्धिक सर्जन होना चाहिए, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक मुख्य बिंदु है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अनुसंधान पर विशेष बल दिया गया है ताकि अनुसंधान के बदौलत भारत को विश्व में एक नई पहचान हासिल हो सके। उन्होंने कहा कि कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा तीन साल के लम्बे परामर्श के उपरांत राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार किया गया, जिसके माध्यम से देश के अलग-अलग हिस्सों से शिक्षाविदों, विद्वानों और विद्यार्थियों से सुझाव आमंत्रित कर समय-समय पर संशोधन किए गए। इसके उपरांत भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 2030 तक प्राप्त सुझाव के माध्यम से संशोधन किया जाएगा। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद अध्यक्ष प्रो. सुनील गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपना बहुमूल्य विचार व्यक्त किए। कुलपति सरदार पटेल विश्वविद्यालय मण्डी प्रो. डी.डी. शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थिति दर्ज की, जिसमें उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर अपना विस्तृत वक्तव्य रखा तथा छात्रों से सुझाव आमंत्रित किए। इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ. अनुपमा गर्ग, जवाहर लाल नेहरू कला महाविद्यालय प्राचार्य मीना शर्मा, वरिष्ठ प्राध्यापक गण एवं छात्र उपस्थित थे।

 

Previous articleTwo Committees Constituted for Smooth Implementation of Work of Medical Devices Park
Next articleSixth Phase of Mahaquiz to Start From 2nd September

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here