Tag: रणजोध सिंह
शर्तिया ईलाज (लघु कथा)
रणजोध सिंह
बुत-तराश ने मुस्कान को भरपूर समय दे कर गढ़ा था। रूप यौवन के साथ-साथ वह एक कोमल ह्रदय की स्वामी भी थी। चेहरे पर अलौकिक आभा और कंठ में सरस्वती...
बटन — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
हमारे देश में माता-पिता और गुरु को देवताओं के समकक्ष रखा गया है | इनमें भी माता का दर्जा सबसे महान है क्योंकि हर माँ हर हाल में अपने बच्चों...
इतनी सी हमदर्दी — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
संध्या अपने रोते-बिल्खते नन्हे शिशु को किसी तरह नौकरानी के हवाले कर, हांफते हुए बस-स्टैंड पहुँची, परन्तु बस पहले ही निकल चुकी थी | अभी तक तो उसके कानो में...
लाडला टीटू — रणजोध सिंह
रणजोध सिंह
साधारण परिवार से संबंध रखने वाले टीटू के पिता जी लोहार का कार्य करते हुए किसी तरह घर की दाल-रोटी चला रहे थे | उनकी तीव्र इच्छा थी कि उनका...