अतिरिक्त उपायुक्त शिमला अभिषेक वर्मा ने कहा कि हमारी समृद्ध संस्कृति को संजोये रखने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। यह केवल कलाकारों का ही उत्तरदायित्व नहीं है। अभिषेक वर्मा आज यहाँ गेयटी थिएटर में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय लोक नृत्य प्रतियोगिता में बतौर मुख्यतिथि लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाषा एवं संस्कृति विभाग प्रदेश की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में निरन्तर प्रयासरत है।

इसके साथ ही सभी को संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में लोक संस्कृति का कलाकारों द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रस्तुति के माध्यम से व्याख्यान किया जा रहा है। इसी कड़ी में हम लोग विभिन्न संसाधनों का प्रयोग कर इसका बेहतर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं ताकि दुनिया के हर कोने में हमारी समृद्ध संस्कृति को पहचान मिले।

अतिरिक्त उपायुक्त ने आश्वासन देते हुए कहा कि जिला प्रशासन की ओर से लोक संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिये किए जा रहे हर प्रयास में पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। इस दौरान पद्मश्री विद्यानन्द सरैक ने कहा कि हिमाचल प्रदेश संस्कृति के हिसाब से तीन भागों में बंटा है और हर भाग की संस्कृति अनूठी है। उन्होंने नाटी के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकारी साझा की और पुरातन संस्कृति को संजोने के प्रयासों के बारे में भी बताया।

जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा प्रति वर्ष सांस्कृतिक दलों तथा वादकों को प्रदेश में प्रदेश से बाहर सांस्कृतिक अवसरों, मेले-त्योहारों व विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों हेतु भेजा जाता है। दलों के चयन के लिए विभाग द्वारा हर वर्ष जिला स्तर पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है । प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले लोकनृत्य दल को राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है।

इसी के चलते वर्ष 2024 के जिला स्तरीय लोक नृत्य व लोक वाद्ययन्त्र वादन प्रतियोगिता का आयोजन आज गेयटी प्रेक्षागृह’ के बहुउद्देशीय हॉल में करवाया गया जिसमें जिला भर से 15 दलों ने बढ चढ़कर भाग लिया।कार्यक्रम मे 70 प्रतिशत से अधिक युवा कलाकारों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ पद्म विद्या नंद सरैक ने किया तथा समापन समारोह में अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा ने शिरकत की। वहीं निर्णायक की भूमिका में डा० रामस्वरूप शांडिल, गोपाल दिलैक, भीम सिंह गोसाई और किशोर कुमार शामिल रहे।

इस प्रतियोगिता में जिला स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिता 2024 चूड़धार कला मंच तरहां कुपवी प्रथम, स्वर साधना कला मंच शिमला दूसरे स्थान पर और महासु युवक सांस्कृतिक मंडल कैदी नेरवा तथा भगवती सांस्कृतिक मंडल सांठा चौपाल संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहे। जिला स्तरीय वाद्ययंत्र वादन प्रतियोगिता में सरस्वती कला मंच ठियोग प्रथम, लोक वाद्ययंत्र दल पुजारली नेरवा द्वितीय और प्रेम लाल बुंदेल लोक वाद्य यन्त्र दल तृतीय स्थान पर रहे।

कार्यक्रम में मंच संचालन मुनिश नंदन ने किया तथा साहित्यकार नरेंद्र कुमार शर्मा ने पहाड़ी भाषा मे मंच संचालन किया जिसको दर्शको ने खूब सराहा। इस अवसर पर उप निदेशक भाषा कुसुम संघाईक, जिला लोक संपर्क अधिकारी शिमला सिंपल सकलानी , जोगिंद्र हब्बी, सहायक निदेशक अलका कैंथला, बिहारी लाल शर्मा,भाषा अधिकारी सरोजना नरवाल, अधीक्षक श्रेष्ठा ठाकुर, गोपाल हाब्बी,मदन कश्यप, शिवम, अशोक कुमार उपस्थिति रहे।

प्रतिभागी दलों की सूची
जिला शिमला के जिला स्तरीय वाद्ययंत्र वादन प्रतियोगिता 2024 में सरस्वती कला मंच ठियोग, लोक वाद्ययंत्र दल पुजारली नेरवा, प्रेम लाल बुंदेल लोक वाद्य यन्त्र दल ठियोग और जय बिजट महाराज कला एवं सांस्कृतिक मंच शाकवी शामिल रहे। इसी प्रकार, जिला स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिता 2024 में महासु युवक सांस्कृतिक मंडल केदी, शिवरंजनी सांस्कृतिक दल बलग, मनानेश्वर लोकनृत्य दल मानन शिलारू, भगवती सांस्कृतिक मंडल सांठा चौपाल, जयश्वरी लोक कला मंच ठियोग, दिशा सांस्कृतिक कला मंच कुपवी, स्वर साधना कला मंच शिमला, गुगा महाराज कला मंच पंचभईया चूड़धार, कला मंच तराहां कुपवी और शिरगुल महाराज कला मंच कांडा बनाह शामिल रहे।

अतिरिक्त उपायुक्त ने नवाजे जिला स्तरीय लोक नृत्य प्रतियोगिता के विजेता

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