सेंट थॉमस स्कूल शिमला के छात्रों ने अमृतसर की पावन धरती पर डायोसिस चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) के 70 वर्ष पुरे होने व निवर्तमान बिशप द मोस्ट रेव डॉ. पी.के. सामंतराय, जिन्होंने डायोसिस के धर्माध्यक्ष के रूप में अपने 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं साथ ही शिमला के सेंट थोमस स्कूल के 100 वर्ष होने के जश्न में अपनी भागीदारी दर्ज की।

इस वर्ष दो बड़े आयोजन किए जा रहे हैं जिसमें प्रथम डायोसिस चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया का जयंती वर्ष है जिसने अपने अस्तित्व के 70 वर्ष पूरे कर लिए हैं, साथ ही इसके निवर्तमान बिशप द मोस्ट रेव डॉ. पी.के. सामंतराय, जिन्होंने डायोसिस के धर्माध्यक्ष के रूप में अपने 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं।

जिसके उपलक्ष में सेंट थॉमस स्कूल के छात्रों ने थीम ” कल से कल की ओर ” के अंतर्गत लाइट एंड साउंड के माध्यम से नृत्य और अभिनय का प्रदर्शन किया जिसमे डायोसिस के पिछले 70 वर्षों की यात्रा को दर्शाया गया है और साथ ही डायोसिस के निवर्तमान बिशप द मोस्ट रेव डॉ. पी.के. सामंतराय, के धर्माध्यक्ष के रूप में उनके 25 वर्षों के योगदान को भी पीपीटी के ज़रिए दर्शया गया।

“कल से कल की ओर”,सेंट थॉमस स्कूल, शिमला की एक अनूठी प्रकाश और ध्वनि नाट्य प्रस्तुति डायोसिस के ‘कभी न हार मानने’ वाले रवैये को एक श्रद्धांजलि है। सेंट थॉमस स्कूल शिमला के छात्रों द्वारा किए गए इस प्ले में विभाजन से पहले के समय में क्राइस्ट चर्च के इतिहास के अलावा, उन महत्वपूर्ण घटनाओं और स्थानों पर भी प्रकाश डालता है जो उत्तर भारत के ईसाई समुदाय के लिए ऐतिहासिक रूप से प्रासंगिक हैं।

यह नाटक लोक कल्याण के उद्देश्य से सूबा की चल रही और प्रस्तावित चर्च संबंधी, शैक्षणिक, सामाजिक आउटरीच परियोजनाओं व नशीली दवाओं के दुरुपयोग और एचआईवी-एड्स के पीड़ितों के बीच सूबा के काम के साथ-साथ अन्य सामाजिक पहलुओं पर भी प्रकाश डालता है।

सेंट थॉमस स्कूल शिमला के छात्रों का अमृतसर यात्रा पर डायोसिस चर्च का अद्भुत समर्थन

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