डॉo कमल केo प्यासा
प्रेषक : डॉ. कमल के . प्यासा

मूक हूं जड़ हूं,
चेतन नहीं !
देखता हूं दिखता हूं,
बोलता नहीं !
सच सच कहता हूं
झूठ कभी बोला ही नहीं
सच ही बताता हूं !
जैसा जैसा पाता हूं
वैसा वैसा उगल देता हूं !

हक अधिकार कभी छोड़ता नहीं,
पूरी सीमा की खबर रखता हूं
नजर पड़ते देखते
पकड़ता हूं !
गांधी वादी हूं
फर्क किया नहीं
भेद कोई रखता नहीं !

सहर हो शाम हो
दिन हो चाहे रात हो
देर कभी करता नहीं,
देखते ही समेटता हूं !
परखता हूं जांचता हूं
बिसर जाता हूं,
याद कभी रखता नहीं !

सुंदर छैल छबीला
फूल सा चेहरा हो
या कोई करूप कुदरत का मारा
सच दिल में बैठता हूं
बराबर जगह देता हूं,

क्योंकि, मैं तो सच सपाट स्पष्ट
सीधा सादा
छल कपट से मुक्त
हर पल तुम्हें निहारता
सभी का अपना आईना हूं !

आईना: डॉo कमल केo प्यासा

Previous articleCM Sukhu Addresses Grievances In ‘Sarkar Gaon Ke Dwar’ Program
Next articleHP Daily News Bulletin 20/01/2024

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here