भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश

पेड़ों के झुरमुट से
जो मैंने चांद को देखा
दिल धड़का, दिल धड़का,
दिल धड़कता ही रह गया

उसका वो प्यारा सा चेहरा
चैन छीन ले गया मेरा
यह मुझको क्या हो गया
दिल चांद में खो गया
दिल धड़का , दिल धड़का
दिल धड़कता ही रह गया
पेड़ों के झुरमुट से
जो मैंने चांद को देखा
दिल धड़का, दिल धड़का
दिल धड़कता ही रह गया-2

भूख, प्यास मिट गई
पूरी रात बीत गई
सारा जग सो गया
मै चांद में खो गया
दिल धड़का, दिल धड़का
दिल धड़कता ही रह गया
पेड़ों के झुरमुट से
जो मेंने चांद को देखा
दिल धड़का, दिल धड़का
दिल धड़कता ही रह गया-2

वह चांद मैं चकोर
कैसी बंधी प्रीत की डोर
मैं सुध-बुध खो गया
दिल चांद का हो गया
दिल धड़का, दिल धड़का
दिल धड़कता ही रह गया
पेड़ों के झुरमुट से
जो मैंने चांद को देखा
दिल धड़का, दिल धड़का
दिल धड़कता ही रह गया -2

 

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