Tag: poems
उम्मीद का धुंआ
दीपक भारद्वाज
एक गांव से
निकलते हैं जब
नन्हे-नन्हे कदम
किसी सुदूर देश की सरहद के लिए
फिर वापिस, आ पाते हैं बहुत ही कम
क्योंकि वो नहीं देखते
निकलने के लिए ऐसा मुहूर्त
कि जिससे उनके कदमों के...
पतंग की डोर
अभिमन्यु कमलेश राणा
उसे ढील दो
है पतंग की डोर जो
छूना चाहते गर आसमानों को
औरों को भी उड़ने दो
पेंच लड़ाने उलझे जो
थाम लोगे अपनी उड़ान को
सफर उन्हें भी तय करने दो
काट दी भी...
सोचती हूँ — दीप्ति सारस्वत का काव्य संग्रह विमोचन
कीकली रिपोर्टर, 25 दिसंबर, 2018, शिमला
हिमाचल की बेटियाँ किसी से कम नहीं, इसका ज्वलंत उदाहरण आज क्रिसमस के अवसर पर राजधानी दिल्ली में उस समय देखने को मिला जब कलम की...
कुत्ते कविता और मैं
सीताराम शर्मा सिद्धार्थ
कुत्ते कविता और मैं
हम तीनों साथ रहते हैं
सुबह होती है
मैं सोया पड़ा हूं
सबसे पहले कुत्ते भौंक कर
भरते हैं वातावरण में चैतन्यता
मुझे जगाते हैं उन्हें भी जगाते हैं जो अभी...
Bards of Hills
Creativity cannot be bound by the number of words or space constrains, the only limitation it faces is by its creator. S/he decides the fate of the poem or the story,...
आज का किसान
डॉ मधु जी शर्मा
आज किसान दिवस है (23 दिसंबर)। आईये हम सब मिलकर किसानों को धन्यवाद कहें कयूंकि मुझे नहीं लगता की भोजन करने के बाद हम में से कोई भी...